आईपीएल में हुए टॉप-5 झगड़े।
“Cricket is a gentleman’s game” शायद ही कोई ऐसा क्रिकेट प्रेमी हो जिसने यह वाक्य ना सुना हो। कभी क्रिकेट अकैडमी में तो कभी कमेंटेटर्स के द्वारा टी. वी. पर, यह वाक्य बोल-बोल के हमें याद दिलाया जाता है। कि, क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां खिलाड़ी के जज़्बात व्यक्त करने की एक सीमा होती है। लेकिन, आधुनिक दौर में अगर लीग और टी-20 क्रिकेट के कारण खिलाड़ियों का खेलने का तरीका बदला है। तो, साथ ही खिलाड़ियों की सोच भी बदली है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है आईपीएल।
आईपीएल क्रिकेट का ऐसा मेला है जहाँ कई बार दो चिर -प्रतिद्वंद्वी देश के क्रिकेटर एक साथ खेलते हुए देखे गये हैं। तो, कभी-कभी एक ही देश के दो बड़े खिलाड़ी आपस मे लड़ते हुए भी नज़र आयें हैं। दोस्तों,आईपीएल पर आधारित नारद टी. वी. के इस ख़ास एपिसोड में हम आपको ऐसी ही पाँच घटनायें बतायेंगे, जब दो बड़े खिलाड़ी मैदान पर अपनी भावनाए क़ाबू में नहीं रख पाए।
आईपीएल में खिलाड़ियों के बीच हुयी लड़ाई की सूची में नंबर पाँच पर हैं।
(5) विराट कोहली और गौतम गंभीर, आईपीएल 2013-
यह एक ऐसी घटना थी जिसने दो आक्रामक खिलाड़ियों के टैलेंट और ईगो के कारण तूल पकड़ ली। बात साल 2013 आईपीएल की है। कोलकाता नाईट राइडर्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर मैच में , कोहली ने प्रदीप सांगवान की लगातार दो गेंदों को छक्के के लिये स्टैंड्स में भेजा। कोहली ने तीसरी गेंद को भी हिट करना चाहा, लेकिन वो कैच आउट हो गए।
155 रन डिफेंड कर रही कोलकाता ने कोहली का विकेट मिलने पर अत्याधिक जश्न मनाया। जिस पर पवेलियन को जा-रहे कोहली क्रीज़ की ओर वापस लौट आये। यहीं कोहली और गौतम गंभीर में ज़ुबानी जंग शुरू हो गयी। गर्म होते माहौल को कोलकाता के रजत भाटिया और मैदान पर मौजूद अम्पायरों ने शांत कराया। लेकिन, कोहली एवं गंभीर में कहा सुनी चलती रही।
मैच के बाद दोनों खिलाड़ियों को ख़राब भाषा और शर्मसार करने वाले बर्ताव के कारण लेवेल-वन का दोषी पाया गया। इस घटना के बाद कई मौकों पर कोहली और गंभीर ने ये माना कि वो बस कुछ पलों का गुस्सा था। लेकिन, भावनाओ से भरे दो बड़े भारतीय खिलाड़ियों के इस झगड़े ने ये बहस छेड़ दी कि , एक लीग मैच के लिये अपनी राष्ट्रीय टीम के साथी से लड़ जाना सही है या ग़लत ?
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(4) कीरोन पोलार्ड और शेन वॉट्सन, आईपीएल 2013-
यह उन चुनिंदा झगड़ों में से एक है। जो मैदान से शुरू होकर डग आउट तक चला। साल 2013 आईपीएल के राजस्थान रॉयल्स बनाम मुंबई इंडियंस मुक़ाबले में वॉट्सन अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे थे।
मुम्बई की ओर से कीरोन पोलार्ड अपने व्यवहार के अनुसार वॉट्सन को परेशान करने वाले गाने गुनगुना रहे थे। जोकि, वॉट्सन को बिल्कुल पसंद नहीं आये। वॉट्सन ने अंपायर असद रउफ से शिक़ायत की और रोहित शर्मा ने आकर बात संभाली। अब आपको लग रहा होगा कि बहस ख़तम हो गयी होगी। अगर ऐसा है तो आप ग़लत हैं। ये बस तमाशे की शुरुआत थी।
मैच आगे बढ़ा तो वॉट्सन 10 वें ओवर में एक गेंद को हिट करने के चक्कर मे पोलार्ड के हाथों कैच आउट हो गये। पोलार्ड की कैच ने आग में घी का काम किया। अब लड़ाई डग आउट में पहुँच चुकी थी। अपने खिलाड़ियों के साथ बैठे वॉट्सन जोश में आ-गए और लॉन्ग ऑन पर खड़े पोलार्ड को उल्टा-सीधा बोलना शुरू कर दिया। जैसे ही माहौल बिगड़ता हुआ लगा। राहुल द्रविड़ ने वॉट्सन को ड्रेसिंग रूम में भेज दिया और इस तरह आईपीएल इतिहास के मैदान में हुए सबसे लंबे झगड़े का अंत हुआ।
(3) कीरोन पोलार्ड और मिशेल स्टार्क, आईपीएल 2014-
साल 2013 में पोलार्ड-वॉट्सन विवाद के कारण हुई बदनामी के बाद सबको लगा कि पोलार्ड अब मैदान पर अपने व्यवहार में परिवर्तन करेंगे। लेकिन, जो हालात के साथ बदल जाये उसे पोलार्ड नहीं कहते। पोलार्ड ने आक्रामक रवैया अपनाए रखा।
दरअसल, आईपीएल के 7 वें सत्र में मुंबई इंडियंस बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर मैच के दौरान पोलार्ड क्रीज़ पर थे। सामने से मिशेल स्टार्क गेंदबाज़ी कर रहे थे।
17 वें ओवर में स्टार्क ने 6 फ़ुट लम्बे पोलार्ड को बाउंसर मारी और बनावटी मुस्कुराहट के हाथ कुछ शब्द कह दिए। भले ही पोलार्ड और स्टार्क की जंग में अभी तक स्टार्क आगे थे। लेकिन, अब बारी पोलार्ड की थी।स्टार्क जैसे ही अगली गेंद लेकर दौड़े पोलार्ड उन्हें परेशान करने के अंदाज़ में बैटिंग स्टांस छोड़कर खड़े हो गए।
स्टार्क ने गुस्से में स्टम्प्स से दूर कड़े पोलार्ड की ओर बॉल फेंक दी। बस फिर क्या था पोलार्ड ने गेंद का जवाब बल्ले से दिया और स्टार्क की ओर बल्ला फेंक दिया।
गनीमत रही कि बल्ला जान से नहीं फेंका था। वरना चकित खड़े स्टार्क को बल्ला लग भी सकता था। इस आक्रामक घटना के बाद क्रिस गेल, विराट कोहली और मैदान पर मौजूद अम्पायरों ने माहौल शांत करने के लिए मैच को कुछ देर तक रोका। इसके बाद मैच बिना किसी हलचल के पूरा हुआ। लेकिन, इस घटना ने सबको ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि अगर स्टार्क को बल्ला लग जाता तो क्या होता ?
अगले नंबर पर है
(2) हरभजन सिंह और अम्बाती रायुडू, आईपीएल 2016-
दोस्तों, यह झगड़ा आईपीएल इतिहास के सबसे चौकाने वाली घटनाओं में से एक था। क्योंकि, हमने कई बार दो आईपीएल टीमों के खिलाड़ियों को आपस मे भिड़ते देखा था। लेकिन, यह एकमात्र ऐसी बड़ी घटना है जहां एक ही टीम के दो खिलाड़ी मैदान में भीड़ गये। दरअसल, साल 2016 के एक मुक़ाबले में मुंबई इंडियन्स के सामने राइजिंग पुणे सुपरजाइन्ट एक अच्छी स्थिति में थी।
मुम्बई और हरभजन विकेट के लिए तड़प रहे थे। कि हरभजन की एक गेंद को सौरभ तिवारी ने बाउंड्री की ओर हिट किया। एक शानदार प्रयास के बाद भी अम्बाती रायुडू गेंद नहीं रोक पाए। लेकिन, हरभजन इस बात पर नाराज़ हो गए और रायुडू को खरी खोटी सुना दी। फिर क्या था रायुडू भी ग़ुस्से में तेज़ी से भज्जी की ओर बढ़े। साथी खिलाड़ियों और अम्पायरों के बीच मे आने से माहौल शांत हुआ। बकौल हरभजन इस घटना के बाद अपने इस बर्ताव के लिए उन्होने कई बार रायुडू से माफ़ी माँगी।
इस सूची में सबसे पहला नम्बर है
(1) हरभजन सिंह और एस. श्रीसंथ-
दोस्तों, श्रीसंथ और हरभजन के बीच हुआ ये विवाद आईपीएल इतिहास में हुई सबसे शर्मनाक घटना कही जाती है। आईपीएल के पहले सत्र में हुए इस झगड़े ने कोचिंग स्टॉफ से लेकर मीडिया सबको सोचने पर मजबूर कर दिया था। दरअसल हुआ ये था कि मुम्बई इंडियन्स बनाम किंग्स इलेवन पंजाब का मैच चंडीगढ़ में खेला जा रहा था।
पंजाब ने मैच 66 रनो से जीतकर मुम्बई को करारी हार दी। घरेलू दर्शकों के सामने अपनी टीम की इस हार पर भज्जी पहले ही काफ़ी गुस्से में थे। कि, श्रीसंथ ने चिढ़ाते हुए हरभजन से कहा ‘हार्ड लक पाजी’ यानी। बस फिर क्या था! हार से निराश हरभजन ने श्रीसंथ को थप्पड़ मार दिया और ज़बरदस्त कहा सुनी हुई।
मैच के बाद स्क्रीन पर दिख रहे श्रीसंथ के आंसुओं ने ये साफ़ कर दिया कि थप्पड़ वाली बात सिर्फ़ अफ़वाह नहीं है। जिस पर मोहर लगा दी बीसीसीआई की प्रतिक्रिया ने।
बीसीसीआई ने इस विवाद को सुलझाने में देरी नहीं की और आईपीएल की इज़्ज़त बचाने के लिये हरभजन एवं श्रीसंथ को साथ ले आये। लेकिन, भज्जी को ग़ुस्सा क़ाबू ना रखने के लिए 2008 आईपीएल खेलने पर प्रतिबन्ध लगा दिया।
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