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भारतीय क्रिकेट टीम का अगला कोच कौन होना चाहिए?

दोस्तों पिछली एक डिकेड (Decade) से इंडियन क्रिकेट का जो डाउनफॉल (Downfall) हुआ है, उसे देखकर ख़ून खौल जाता है। हर बार टीम को नॉकआउट्स (Knockouts) और फाइनल्स (Finals) में हारता देख दिल दहल जाता है। रोना आ जाता है। आप दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड (Borad) हैं,आपके पास फंड्स, (Funds) फैसिलिटीज (Facilities) की कोई कमी नहीं है। न ही आपके पास टैलेंट (Talent) की कमी है, इसके बावजूद भी आप कभी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते। लेकिन बस अब बहुत हो गया। पिछली दो पोस्ट में हमने हमारी करेंट कोचिंग (Coaching) स्टाफ (Staf) और मैनेजमेंट (Management) के ब्लंडर्स (Blundres) और अनएक्सेप्टेबल (Unacceptable)  गलतियों के बारे में आपको बताया। साथ ही बाजबॉल (Baseball) जैसे ही एक अग्रेसिव (Aggressive) कोचिंग सिस्टम को अपनाने की भी बात की। अगर आपने अभी तक वो पोस्ट नहीं देखे तो पहले उन्हें ज़रूर देखें। उसके बाद आपको ये पोस्ट में और भी सेंस लगेगा। इसके बाद हमने शुरू की रिसर्च, इस बारे में कि देश विदेश कौन कौन से कोचिंग ऑप्शन (Option) हमारे पास हैं। जो हमारी इस चोकर टीम को चैंपियन (Champion) बना सके और टीम में एक पॉजिटिविटी (Positivity), और आईसीसी (ICC) ट्रॉफी (Trophy) जीतने का जुनून भर दे। जो अंडर कॉन्फिडेंट, ओवर कॉन्फिडेंट हमारे प्लेयर्स हो चुके हैं, उनका भी दिमाग़ ठिकाने पर लगा सके। और सबसे इंपोर्टेंट (Impotant), उनके खु़द के नाम, रिकॉर्ड्स बोलते हों। जिन्हें देखकर बिलो एवरेज प्लेयर को भी एक्सट्राऑर्डिनरी बनने की इंस्पिरेशन और बड़े मैच में परफॉर्म करने की दिलेरी, वो माइंडसेट मिले। तो ऐसे ही कुछ टॉप कोच की लिस्ट लेकर आज हम आपके सामने पेश है, जहां हम इन कोच के इंडियन टीम पर इंपैक्ट और इनकी स्ट्रैंथ (Strength) के बारे में आपको बतायेंगे, अपने क्रिस्पी स्टाइल में।

वीरेंद्र सहवाग

5.वीरेंद्र सहवाग : वीरेंद्र सहवाग, दहशत का दूसरा नाम। जो अपने बल्ले से किसी भी लीजेंड (Legend) बॉलर (Bowler) का मर्डर करने में माहिर थे। अगर कोई वर्ड (World) है फीयरलेस (Fearless), तो उसकी डेफिनेशन (Definition) हैं सहवाग। और जिस टाइम टैस्ट में 40–50 स्ट्राईक (Strike) रेट से खेला जाता था, उस टाइम सहवाग 82 के स्ट्राईक रेट से खेले, वो भी पूरे 104 टेस्ट के करियर (Career) में। सभी फॉर्मेट में एक ही इंटेंट, उनका माइंडसेट (Mindset) और बल्ले से कमाल की परफॉर्मेंस (Performance) 2007 और 11 के वर्ल्ड कप जीतने में एक बड़ी वजह थी। और अब बार आती है कि एक कोच के तौर पर टीम को क्या देंगे सहवाग। तो देखिए, हमें इस टाइम सख़्त से सख़्त (Strict) ज़रूरत है एक ऐसे ही कोच (Coach) की जिसमें हो एक सनक। सामने कोई भी बॉलर हो, बस बिंदास पिटाई करो। बॉल का काम है बाउंड्री (Boundary) पे जाना, उसे उसके अंजाम पर पहुंचाओ। टेस्ट हो, टी 20 या ओडीआई, फॉर्मेट बदलेगा, बॉल बदलेगी, पर इंटेंट, एग्रेशन (Aggrection)वही रहना चाहिए। जिसने अपने करियर में जैसा किया, वो दूसरे को भी तो वैसा ही बेखौफ बनाएगा। यही सहवाग की लेगेसी है। जो यंग प्लेयर्स की नर्वसनेस ख़त्म कर उन्हें कमाल का प्लेयर बनाएगा। अगर सहवाग इस टीम के कोच बने, तो उनकी एप्रोच हमें खूब सक्सेस देगी। और बाजबॉल जैसे शब्द भी फिर उनकी कोचिंग और परफॉर्मेंस के आगे छोटे लगेंगे।

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 Gautam Gambhir 

4. गौतम गंभीर : आजकल जो इंडियन टीम हर बार सपने दिखाकर उन्हें तोड़ रही है, जो हर बार बड़े मैचों से चोक करती है, उसका सबसे बड़ा रीज़न (Season) है बड़े मैचों में हमारे प्लेयर्स (Players) का फ्लॉप रहना। स्टार्स ने तो हमेशा ही निराश किया लेकिन यंग (Young) गंस भी कुछ खास नहीं कर दिखाए। यही फ़र्क है 2007,11 वर्ल्ड (World) कप और आज के आइसीसी इवेंट्स (Events) में। क्योंकि तब हमारे पास थे गौतम गंभीर नाम के लीजेंड, जिन्होंने कभी भारत माँ का सर झुकने नहीं दिया। बड़े मैचों में जहां आज हमारे प्लेयर्स के पैर कांपते हैं, उन्हीं बड़े मैचों में गंभीर का बल्ला गरजता था। चाहे वो 75 हों,या 97 रन की मैच जीताऊ इनिंग्स, जो बैकफूट से हमें ड्राइविंग सीट पर लाई। भले ही उनके कंट्रीब्यूशन (Contribution) को सब भूल गए,लेकिन उनके ही जैसे कैरेक्टर (Character) की इस टाइम इंडियन क्रिकेट टीम को सबसे ज्यादा जरूरत है। और उनकी ही डिटरमिनेशन (Determination), बड़े मैच में परफॉर्म करने वाली स्किल, प्रेशर पर ख़ुद हावी होने का जिगरा ही हमें चोकर से चैंपियन बना सकती है। गंभीर जब भी बोलते हैं, काम का बोलते हैं, और बिल्कुल सही बोलते हैं। टीम गंदा खेले तो अच्छी खासी क्लास भी लगाते हैं। उनके होते ड्रैसिंग रूम में प्लेयर्स के मुंह पर एक सीरियसनेस (Seriousness), जीतने की भूख नज़र आती है। न कि बेमतलब के दांत निकालना, जो आजकल इन्डियन ड्रेसिंग रूम में देखने को मिलता है जिसमें कोई सीरियसनेस और एटीट्यूड नज़र नहीं आता। गंभीर इस टीम की कायापलट कर सकते हैं और बड़े मैचों में परफॉर्म करने की सबसे ज़रूरी टेंप्रामेंट (Determination) हमें दे सकते हैं। और इंडिविजुअल स्टार भले ही कोई आए या ना आए, लेकिन गौती टीम प्लेयर्स ज़रूर बनाएंगे जो टीम के कुछ भी कर गुजरें।

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एबी डिविलियर्स

3. एबी डिविलियर्स : एबी डिविलियर्स 21St सेंचुरी (Century) के सबसे बड़े सुपरस्टार और लेजेंड प्लेयर को हैं, जिन्होंने अपने 360° खेल से सभी को अपना दीवाना बनाया। ऐसा कोई भी शॉट ( Short) नहीं था जो डिविलियर्स के पास न हो। उनके दौर का ऐसा कोई नामी बॉलर (Bowler) नहीं था जिसकी पिटाई डिविलियर्स ने न की हो। बड़े मैचों में जहां पूरी साउथ अफ्रीका चोक करती थी, वहां डिविलियर्स अकेले परफॉर्म (Perform) करते थे। और कई हारी बाज़ी पलट देते थे। और उनकी तेज़ दिमागी, कमाल के रिफ्लैक्स (Reflex) स्किल (Skill) का कोई जवाब नहीं था। इन्डियन टीम को डिविलियर्स एक मल्टी (Multi) डाइमेंसिनल टीम बना सकते हैं, कूट कूट कर कॉन्फिडेंस (Confidence) भर सकते हैं, जिसमें सिर्फ़ एक दो नहीं, पूरे 11 के 11 मैच विनर हों। साथ ही वे काफ़ी हंबल (Humbal) हैं, टीम के कई प्लेयर्स के साथ काफ़ी फ्रैंडली (Frendly) भी हैं। तो वो ट्रांजिशन भी काफ़ी आराम से हो सकता है। उनके लाज़वाब माइंडसेट (Mindset) और नेवर गिव अप एटीट्यूड (Attitude) इस टीम को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा और बड़ी टीमों, बड़े नामों के आगे परफॉर्म करने का एक शानदार तरीका भी हमें सीखा जाएगा। अगर एबी इस टीम के कोच बने तो प्लेयर भी काफ़ी फुर्तीले, कंपीटीटीव (Competative) रहेंगे जो आखरी बॉल तक मैच को पकड़े रहेंगे। उनकी कैंप में मौजूदगी अपने आप में ही आधा काम सुधार देगी।

Gary Kirsten

2. गैरी कर्स्टन : गैरी कर्स्टन, इंडियन क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कोच। जिन्होंने एक वर्स्ट परफॉर्मिंग (Performing) टीम को एक बेस्ट टीम, वर्ल्ड चैंपियन (Champion) बना दिया था। उन्हीं के अंडर (Under) हम 2011 वर्ल्ड कप जीते थे। उन्हीं की कोचिंग से हम नंबर एक टैस्ट टीम भी बने थे। और उनकी कोचिंग की सबसे बेस्ट चीज़ ये थे कि उन्हें वर्ल्ड कप की तैयारियां 2008 से ही शुरू कर दी थी और प्लेयर्स को हर मैच एक नॉकआउट मैच की तरह खेलने का इंस्ट्रक्ट किया। ये उनकी ही एप्रोच थे जिसने 11 के 11 प्लेयर्स को मैच विनर बनाकर रख दिया था। जो वर्ल्ड (World) कप के बड़े मैचों में बिना चोक किए काफ़ी बढ़िया खेले थे और सामने अपने से घातक, ज़्यादा स्ट्रॉन्ग (Strong) टीम को भी धाराशाही (Monarchy) कर दिए थे। इससे बड़ी खुशी की बात और क्या होगी अगर इन्डियन टीम को दोबारा ऐसा कोच मिल जाए जो प्लेयर्स (Players)को प्रेशर को संभालना सिखाए और परफॉर्म करना सिखाए वो भी काफ़ी आसानी से।

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1. एमएस धोनी : कहते हैं कि आईसीसी (ICC) ट्रॉफी (Trophy) जीतना कोई बच्चों का खेल नहीं। कोई आसान बात नहीं, लेकिन एक खिलाड़ी था, जिसने ये काम काफ़ी आसान बना दिया था। जब वो कप्तान (Captain) था तो उसका अपना ही औरा था। आईसीसी की तीनों मेजर ट्रॉफी (Trophy) जीत उसने कमाल ही कर दिया था। इसलिए वो हमारी लिस्ट (List) में आज नम्बर वन है। महेंद्र सिंह धोनी। वो नाम जिसे किसी इंट्रो (Intro) की जरूरत नहीं।जितनी तारीफ़ करो, उतनी कम। माही खुद कम बोलते हैं, क्योंकि उनका काम बोलता है। दिमाग बोलता है, स्किल्स (Skills) बोलते हैं और गेम बोलती है। और धोनी ने हमेशा से ही प्रोसेस (Process) पर फोकस (Focus) किया, रिज़ल्ट (Result) की लालच नहीं की। इसीलिए बेस्ट रिज़ल्ट पाए। आज जहां प्लेयर्स ख़ुद के लिए, अपने रिकॉर्ड्स (Record) और टीम में जगह बनाने के लिए खेलते हैं, धोनी देश के लिए टीम के लिए खेलते थे। किसी भी प्लेयर का सबसे बेस्ट कहां और कैसे निकालना है, ये काम धोनी के अलावा दूसरा कोई इतनी एक्यूरेसी (Accuracy) और परफेक्शन (Perfossion) के साथ नहीं कर सकता। डोमेस्टिक से लेकर इंटरनैशनल (International) तक, हर जगह उन्होंने मामुली, कम स्किल वाले प्लेयर्स को भी मैच विनर (Winner) बड़ा नाम बनाकर इंडियन क्रिकेट टीम को दिया। दूसरे देशों की भी मदद (Help) की। और प्लेयर्स को जो वो बैक (Back) करते हैं, जबरदस्त। जिससे आउट ऑफ फॉर्म (Form) प्लेयर भी ऐसा गरजता है कि मैच अकेले ही जीता सकता है।आज टीम को ऐसे ही कोच की जरूरत है। जो प्लेयर्स का बेस्ट निकाल सके। और उन्हें उनकी काबिलियत पर विश्वास (Trust) दिला सके। धोनी के पास जो इतनी ट्रॉफीज जीतने का जो एक्सपीरियंस (Experience), इतने प्रेशर में भी कूल रहने और चाणक्य नीति सा माइंडसेट है, वो बॉटम टीम को भी टॉप पर ला सकता है । और उनकी कीपिंग और फिनिशिंग का तो कोई सानी नहीं। हो सकता है हमें आगे कई और वर्ल्ड क्लास विकेटकीपर बैट्समैन और फिनिशर धोनी की इस कंप्लीट पैकेज कोचिंग में देखने को मिले।जो प्लेयर की ऑल राउंड डेवलपमेंट करे। अगर धोनी सा कोच हमें मिल जाए तो हमारी लॉटरी लग जायेगी।

तो दोस्तों ये थे कोचिंग के वो बेस्ट ऑप्शन जो इंडियन टीम की डूबती नैया को पार लगा सकते हैं। आज की पोस्ट में इतना ही। मिलते हैं आपसे नई पोस्ट में।

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