मात्र छत्तीस दिनों में बनी फिल्म जिसने सफलता के झंडे गाड़ दिए थे फिल्म साजन के बनने की कहानी।
90 का दशक- म्यूज़िकल और रोमांटिक फ़िल्मों का वो दौर, जिसे चाहकर भी लोग नहीं भूल सकते हैं। उस दौर की फ़िल्मे न सिर्फ़ अपनी कहानियों और गानों के लिये याद की जाती हैं बल्कि उन फ़िल्मों के ज़रिये दर्शक, बीते दिनों की यादों को भी तरो-ताज़ा कर लिया करते हैं।
फ़िल्म-साजन
उन फ़िल्मों के गीत भी अगर कहीं से कानों में सुनाई दे जायें तो दिल में एक सुकून का एहसास होता है। ऐसे में जब भी कभी उस दौर की सबसे ख़ूबसूरत और यादगार फ़िल्मों का ज़िक्र होता है तो सुपरहिट फ़िल्म साजन का नाम ज़रूर लिया जाता है जो एक ख़ूबसूरत फ़िल्म होने के साथ-साथ अपने कर्णप्रिय गानों के लिये भी याद की जाती है।
30 वर्ष से ज़्यादा वक़्त गुज़रने के बाद भी उसी शिद्दत से याद की जाने वाली फ़िल्म साजन से जुड़े यादगार और दिलचस्प किस्से भी कम नहीं हैं,शोमैन राजकपूर की संगम हो या 90s में बनी साजन, प्रेम त्रिकोण पर आधारित फ़िल्मों ने हमेशा से ही दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित किया है।
साइरानो डी बर्जरैक
वर्ष 1991 में रिलीज़ हुई फ़िल्म साजन उस वर्ष की सबसे ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक थी। फिल्म के साथ-साथ इसके सभी गाने भी सुपर डुपर हिट हुए थे जो आज तक संगीत प्रेमियों के पसंदीदा हैं। कहा जाता है कि फ़िल्म साजन की कहानी काफी हद तक फ़ेंच प्ले “साइरानो डी बर्जरैक” से प्रेरित थी।
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निर्माता और निर्देशक-सुधाकर बोकाड़े और लॉरेंस डिसूजा
सुधाकर बोकाड़े द्वारा निर्मित और लॉरेंस डिसूजा द्वारा निर्देशित यह फिल्म 30 अगस्त, 1991 को रिलीज हुई थी। बतौर सिनेमैटोग्राफर हत्या जैसी फ़िल्मों से पहचान बनाने के बाद डायरेक्शन के क्षेत्र में आने वाले लॉरेंस डिसूज़ा 90 के दशक के एक जानेमाने डायरेक्टर रह चुके हैं। उन्होंने फ़िल्म साजन के अलावा सपने साजन के, संग्राम, बलमा, दिल तेरा आशिक, प्रतीक्षा और आरज़ू जैसी कई फ़िल्में डायरेक्ट की हैं।
संगीत- नदीम श्रवण
ख़ास बात ये कि इनकी ज़्यादातर फ़िल्मों में संगीत नदीम श्रवण का ही है। सफलता की बात की जाये तो लॉरेंस डिसूजा ने इसके बाद काफी सारी हिट फिल्में डायरेक्ट की लेकिन कोई भी साजन फिल्म जितनी हिट नहीं हो सकी।
फिल्म में सलमान खान, माधुरी दीक्षित और संजय दत्त के अलावा ख़ास भूमिकाओं में कादर खान, रीमा लागू, अंजना मुमताज़, लक्ष्मीकांत बर्डे और दिनेश हिंगू जैसे दमदार ऐक्टर्स की मौजूदगी फ़िल्म में चार चाँद लगाती है।
संजय दत्त
संजय दत्त द्वारा अभिनीत अमन उर्फ सागर का किरदार फिल्म के राइटर रीमा राकेश नाथ की लाइफ पर आधारित थी। दरअसल एक एक्सिडेंट में उनका पैर बुरी तरह फ्रैक्चर होने के साथ-साथ उनके कंधे की हड्डी भी टूट गई थी और उनके डॉक्टर ने कहा था कि रीमा की कभी शादी नहीं हो सकेगी, यह उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
रीमा राकेश नाथ
इस हादसे का उनकी निजी ज़िदगी के साथ-साथ प्रोफेशनल ज़िन्दगी पर भी काफी असर हुआ था। क्योंकि उसी दौरान उन्हें रणधीर कपूर की आने वाली फिल्म ‘जवानी दीवानी’ में लीड रोल के लिये साइन किया गया था लेकिन एक्सीडेंट के बाद उनकी जगह जया बच्चन जी को ले लिया गया।
बहरहाल रीमा राकेश नाथ आज बॉलीवुड की मशहूर फिमेल राइटर हैं जिन्होंने सैलाब, साजन, आरज़ू, दिल तेरा आशिक, याराना, हम तुम्हारे हैं सनम और मोहब्बत जैसी फ़िल्में लिखने के अलावा फ़िल्म याराना का निर्माण व फिल्म मोहब्बत का निर्देशन भी किया है।
माधुरी दीक्षित
ख़ास बात ये कि इनकी इन सभी फ़िल्मों की ऐक्ट्रेस माधुरी दीक्षित ही हैं। जिसकी एक वज़ह यह भी है कि रीमा जी के पति राकेशनाथ ऐक्ट्रेस माधुरी दीक्षित के मैनेजर रह चुके हैं।उनके बेटे करण नाथ भी एक ऐक्टर हैं जो वर्ष 2002 में आयी फ़िल्म ‘ये दिल आशिकाना’ के लिये जाने जाते हैं। कम लोगों को ही पता होगा कि रीमा ऐक्टर सप्रू जी की बेटी हैं जो 60 व 70 के दशक के जाने माने चरित्र अभिनेता हुआ करते थे। रीमा जी के भाई तेज सप्रू भी एक मशहूर चरित्र अभिनेता हैं।
सलमान खान
यह फ़िल्म सलमान खान के उन दिनों की फिल्म है, जब उन्हें अपना स्टारडम बनाये रखने के लिये एक सुपरहिट फ़िल्म की बहुत ज़रूरत थी क्योंकि मैंने प्यार किया और सनम बेवफ़ा जैसी फ़िल्मों के अलावा उनकी अन्य फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा कमाल नहीं दिखा पा रही थीं। ऐसे में साजन के ब्लॉकबस्टर होने का फायदा सलमान ख़ान को ख़ूब मिला। इस फ़िल्म की सफलता के बाद सलमान खान और माधुरी दीक्षित की जोड़ी को ‘हम आपके हैं कौन’ में भी दोहराया गया जो बॉलीवुड की सबसे कामयाब और कल्ट फिल्मों में से एक मानी जाती है।
सलमान खान जो कभी मैंने प्यार किया फ़िल्म में 80s वाले दुबले पतले संजय दत्त के लुक की याद दिलाया करते थे, इस फ़िल्म के ज़रिये पहली बार संजय दत्त के साथ नज़र आये थे, जिसे दर्शकों ने भी ख़ूब पसंद किया था। बाद में दोनों की जोड़ी फ़िल्म ‘चल मेरे भाई’ में भी नज़र आयी थी। इसके अलावा फ़िल्म ‘दस’ में भी इस जोड़ी को साइन किया गया था लेकिन वह फ़िल्म नहीं बन सकी।
साजन फिल्म में अमन वर्मा उर्फ सागर के लिए संजय दत्त पहली पसंद नहीं थीं। दरअसल पहले यह रोल आमिर खान को ऑफर किया गया था जिसे उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद संजय से बात की गयी और वह फ़िल्म में शामिल हो गए। दरअसल उस समय, संजय के पास 2-3 एक्शन फिल्में थीं।
इसलिए, वे एक इमोशनल रोल करने के लिए तुरंत तैयार हो गये। डायरेक्टर लॉरेंस डिसूजा आमिर के उस इनकार को फ़िल्म के लिये वरदान की तरह मानते हैं। उनका कहना है कि, “यह किरदार संजय के लिए एकदम परफेक्ट था। मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि आमिर इतने फिट नहीं हो पाते। उन्होंने कहा कि “जो होता है अच्छे के लिए ही होता है।”
बंगाली ऐक्टर प्रोसनजीत चटर्जी
एक इंटरव्यू में बंगाली ऐक्टर प्रोसनजीत चटर्जी ने बताया था कि पहले ‘साजन’ के मेकर्स उन्हें और ऋषि कपूर को लेकर फिल्म बनाना चाहते थे।
उन्हें संजय दत्त वाला रोल ऑफर किया गया था और ऋषि कपूर को सलमान खान वाला। उसी दौरान प्रोसनजीत की बंगाली फिल्म ‘अमर संगी’ सुपरहिट हुई थी और जिसके बाद उन्हें दोबारा हिंदी फिल्मों ऑफर आने लगे लेकिन प्रोसनजीत ‘आँधियां’ जैसी हिंदी फ़िल्मों में काम कर पहले से नाकामी झेल चुके थे
और उस वक़्त वे सिर्फ अपनी बंगाली फिल्मों पर ही ध्यान देना चाहते थे इसलिये उन्होंने कई हिंदी फिल्मों के ऑफर्स को ठुकरा दिया जिनमें से ‘साजन’ फ़िल्म भी एक थी। यहाँ हम बता दें कि प्रोसनजीत जाने माने ऐक्टर विश्ववजीत जी के सुपुत्र हैं।
आएशा जुल्का
बताया जाता है कि फिल्म में नायिका पूजा के किरदार के लिए माधुरी दीक्षित पहली पसंद नहीं थीं। दरअसल इस फिल्म के लिए पहले आएशा जुल्का को चुना गया था और आयशा जुल्का पहले दिन शूटिंग पर भी आईं लेकिन उनकी तबियत इतनी बिगड़ गई कि उनकी जगह माधुरी दीक्षित को लिया गया।
इस फ़िल्म को साइन करने को लेकर माधुरी ने बाद में सोशल मीडिया पर लिखा था कि “इस फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद मैंने झट से ये फिल्म करने का मन बना लिया था क्योंकि इस फिल्म की स्टोरी बेहद रोमांटिक थी, डायलॉग्स शायराना थे और फिल्म का म्यूज़िक लाजवाब था।” इस फिल्म के डायरेक्टर लॉरेंस डिसूजा को माधुरी का काम इतना पसंद आया था कि उन्होंने माधुरी और अक्षय कुमार को लेकर आरज़ू नाम की एक फिल्म बनाई थी, लेकिन वह फिल्म कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा पाई थी।
इसी फिल्म के दौरान संजय दत्त और माधुरी दीक्षित की दोस्ती बढ़ी थी और दोनों की अफेयर की खबरें काफी सुर्खियों में आई थीं। दोनों ऐक्टर्स की केमेस्ट्री को दर्शकों ने भी ख़ूब पसंद किया था, जिसका उदाहरण है इस जोड़ी की अगली फ़िल्म खलनायक।
1993 बम ब्लास्ट
इस फ़िल्म में भी दर्शकों ने इस जोड़ी को हाथो-हाथ लिया, लेकिन उसी दौरान वर्ष 1993 बम ब्लास्ट केस में संजय के जेल जाने के बाद दोनों के बीच दूरी आ जाने से यह रिश्ता पूरी तरह से ख़त्म हो गया।
बाद में वर्ष 2019 में रिलीज़ हुई फिल्म कलंक में दोनों ऐक्टर एक बार फिर परदे पर नज़र आये। हालांकि खलनायक से पहले यह जोड़ी इलाक़ा और थानेदार जैसी फ़िल्मों में साथ काम कर चुकी थी।
फ़िल्म में एक छोटी लेकिन मेनका की यादगार निगेटिव भूमिका में ऐक्ट्रेस एकता भी नज़र आयी थीं जो फ़िल्म में सलमान यानि आकाश से एक शर्त लगाकर संजय दत्त यानि अमन से प्यार का नाटक करती है और इनकार पाने के बाद अमन को उसके अपाहिज होने का ताना मारती है।
कम लोगों को ही पता होगा कि एकता ऐक्टर मोहनीश बहल की पत्नी हैं और अब आरती बहल के नाम से जानी जाती हैं। दरअसल एकता का असली नाम आरती ही है जिसे सदाबहार देव आनंद ने अपनी फ़िल्म ‘अव्वल नंबर’ में उन्हें आमिर ख़ान के साथ लॉंच करते समय बदलकर एकता कर दिया था। बाद में एकता कई फ़िल्मों और टीवी शोज़ में भी नज़र आयीं।
इस फिल्म की शूटिंग महज 36 दिनों में पूरी कर ली गयी थी जो न सिर्फ़ आज के दौर में एक आश्चर्य की बात है बल्कि उस दौर के लिये भी एक नयी बात थी। ख़ासतौर पर इसलिए क्योंकि इस फ़िल्म में उस दौर के तीन-तीन बिज़ी ऐक्टर्स एक साथ काम कर रहे थे।
इस फ़िल्म की शूटिंग ज़्यादातर ऊटी की ख़ूबसूरत लोकेशन्स पर ही हुई है जिसे डायरेक्टर लॉरेंस डिसूजा ने एक अनुभवी सिनेमैटोग्राफर के तौर पर बहुत ही ख़ूबसूरती से परदे पर फ़िल्माया है।
बता दें कि ऊटी के जिस जंगल में साजन का गीत ‘देखा है पहली बार’ को फ़िल्माया गया है ठीक उसी जंगल में राज़ और गोलमाल रिटर्न्स जैसी ढेरों फ़िल्में भी शूट की गयी हैं।
दोस्तों साजन एक म्यूज़िकल हिट फ़िल्म भी थी और जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इसके संगीतकार नदीम श्रवण थे और गीतों को लिखा था गीतकार समीर और फैज़ अनवर ने। लेकिन आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि नदीम श्रवण भी इस फिल्म की पहली पसंद नहीं थे। दरअसल मेकर्स ने इससे पहले इस फ़िल्म के लिए संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल को साइन किया था।
लॉरेंस बताते हैं कि “लक्ष्मीकांत के साथ मेरे अच्छे संबंध थे। लेकिन तब मैं नया डायरेक्टर था इसलिए उन्होंने समय नहीं दिया। वे उस वक़्त 5-6 बड़े प्रोडक्शंस को पहले वरीयता दे रहे थे। मैं तंग आ गया। उनके पास रोज़ाना आना और इंतज़ार करना बहुत ज़्यादा हो रहा था। मेरा शेड्यूल करीब था, लेकिन अभी भी कोई गाना तैयार नहीं था।” उन्होंने बताया कि “ प्रोड्यूसर सुधाकर बोकाड़े के आने के बाद भी उन्होंने हमें इंतज़ार कराया।
फिर हमने उनको छोड़ सीधे नदीम श्रवण को बुलाया।” दोस्तों मज़े की बात कि नदीम-श्रवण ने फ़िल्म का विषय सुनने के बाद एक घंटे में ही उन्हें सात गाने दे दिए।
फ़िल्म का एक गीत “जियें तो जियें कैसे” को चार गायकों से गवाया गया था, जो कि दो वर्ज़न में था। पहला वर्ज़न ग़ज़ल गायक पंकज उधास जी की आवाज़ में और दूसरा एस पी बालासुब्रमण्यम, अनुराधा पौडवाल और कुमार सानू की आवाज़ में था।
यह वही दौर था जब बॉलीवुड में लेजेंडरी सिंगर एस पी बालासुब्रमण्यम जी की आवाज़ सलमान ख़ान की एक पहचान हुआ करती थी।
हालांकि इस फिल्म के सारे ही गाने सुपरहिट हुए थे लेकिन फिल्म का एक गाना ‘देखा है पहली बार साजन की आंखों में प्यार’ उस साल का नंबर वन गाने में से एक था जो आज भी लोगों को काफी पसंद आता है।
इस गीत के बनने से जुड़ा भी एक किस्सा है, दरअसल यह फिल्म तो अप्रैल 1991 में पूरी हो गयी थी लेकिन निर्देशक लॉरेंस डिसूजा को फ़िल्म में गानों को लेकर अभी भी कुछ कमी लग रही थी। इसके बाद वे नदीम-श्रवण के पास गए और उनसे एक टाइटल गीत की डिमांड की। जिसके बाद नदीम-श्रवण ने उन्हें “देखा है पहली बार” गाना रिकॉर्ड कर दिया।
रिकॉर्डिंग के अगले ही दिन टीम गाना शूट करने ऊटी के लिए रवाना हो गई और लगातार सात घंटे शूटकर एक ही दिन में पूरा गाना कम्पलीट भी कर लिया गया।
इस गीत के कंपोजिशन को लेकर एक बड़ा ही दिलचस्प ख़ुलासा संगीतकार श्रवण ने एक लाइव कॉन्सर्ट के दौरान किया था। उन्होंने बताया था कि इस गाने को उन्होंने अपने पार्टनर नदीम के साथ यूँ ही बिना सोचे-समझे ही बना दिया था।
यह वाकया श्रवण ने ब्रिस्बेन में आयोजित एक कॉन्सर्ट के दौरान सुनाया था जहाँ वे सिंगर अलका याग्निक के साथ लाइव परफॉर्मेंस दे रहे थे। श्रवण ने बताया था- “वर्ष 1990 के 31 दिसंबर की बात है। मैं और नदीम एक न्यू ईयर पार्टी में गए थे।
हम दोनों पब में बैठे थे, उसी वक्त वहां दो विदेशी लड़कियां आईं जो हमें लगातार देखे जा रही थीं। तभी नदीम उठकर उनके पास गए और उनसे बातें करने लगे। फिर हमारी नजरें उन दोनों से मिली और उसी वक्त नदीम के दिमाग में ये लाइनें आईं- देखा है पहली बार, साजन की आंखों में प्यार.. और फिर ये गाना बन गया।”
बात साजन के गानों की चल ही रही हो तो “बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम” गीत के बिना अधूरी ही रहेगी। इस गाने के दो वर्ज़न फिल्म में दिखाये गये थे एक अनुराधा पौडवाल जी की आवाज़ में और दूसरा एस पी बालासुब्रमण्यम जी की आवाज़ में था।
दरअसल यह गाना मेहदी हसन जी के एक पाकिस्तानी ग़ज़ल की कॉपी था। मज़े की बात ये कि उस गाने के बोल भी इससे काफी मिलते जुलते हैं जो कुछ यूँ हैं “बहुत खूबसूरत है मेरा सनम, ख़ुदा ऐसे मुखड़े बनाता है कम”। नदीम -श्रवण इससे पहले भी कई पाकिस्तानी गानों को कॉपी कर चुके थे।
ढेरों कटेगरी में नामांकित हुई इस फ़िल्म के संगीत के लिए संगीतकार नदीम श्रवण को फ़िल्मफ़ेयर का सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का अवार्ड मिला था। साथ ही ‘मेरा दिल भी कितना पागल है’ गाने के लिए कुमार सानू को बेस्ट प्लेबैक सिंगर का दूसरा फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। फिल्म में संजय दत्त को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में फिल्मफेयर अवार्ड के लिए अपना पहला नामांकन मिला था।
बॉक्स ऑफिस
इसके अलावा गीत के लिये समीर, गायन के लिये पंकज उधास, अनुराधा पौडवाल, एस पी बालासुब्रमण्यम और अलका यज्ञनिक को भी नामांकित किया गया। साथ ही सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिये माधुरी दीक्षित, सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिये सुधाकर बोकाड़े और सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिये लॉरेंस डिसूजा को भी नामांकन मिला था।
आइये अब एक नज़र डाल लेते हैं फ़िल्म साजन में ऐक्टर्स की फीस, बजट और कमाई की। दोस्तों आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि आज के दौर के सबसे महँगे स्टार्स में से एक सलमान खान को इस फ़िल्म में माधुरी दीक्षित और संजय दत्त से भी कम फीस मिली थी। फिल्म में काम करने के लिए जहाँ सलमान को महज 11 लाख रुपए मिले थे तो वहीं माधुरी और संजय दत्त को 12-12 लाख रुपए दिये गये थे।
फिल्म के ओवरऑल बजट की बात करें तो वह महज 1 करोड़ 58 लाख रुपए था जो आज शायद किसी एक सुपरस्टार की अकेले की फीस से भी कम है। कमाई की बात की जाये तो इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 18 करोड़ का कलेक्शन किया था जो बजट से कई गुना और आज के दौर के 100 करोड़ से भी ज़्यादा ही है।
साजन’ उस दौर में बॉक्स ऑफिस पर 75 हफ्ते से भी ज्यादा चली थी और तब इतने हफ्ते चलने वाली फ़िल्म को डायमंड जुबली फिल्म कहा जाता था। दोस्तों यह फिल्म वर्ष 1991 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म तो बनी ही साथ ही 90 के दशक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली टॉप 5 फिल्मों में से भी एक साबित हुई।
बताया जाता है कि इस फ़िल्म के दौरान समय से फ़िल्म पूरी हो जाने के बावज़ूद रिलीज़ में देरी के कारण निर्माता सुधाकर बोकाड़े इतने निराश हो गये थे कि उन्होंने फ़िल्म लाइन छोड़ने तक का फैसला कर लिया था। लेकिन इस फ़िल्म की सफलता के बाद यह विचार उन्होंने त्याग दिया।
फ़िल्म की सफलता का अंदाज़ा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि दर्शकों की भारी डिमांड के बाद वैंकूवर, ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडा के रॉबसन स्क्वायर थिएटर में नवम्बर 1992 में इस फिल्म का फिर से प्रीमियर किया गया। जबकि इस फिल्म का वीडियो अगस्त 1991 में ही रिलीज़ हो चुका था।
प्रेम त्रिकोण पर आधारित फ़िल्में हर दौर दर्शकों के साथ-साथ फिल्म मेकर्स की भी पहली पसंद रही हैं। इसमें कोई शक़ नहीं इस फ़िल्म की कामयाबी के बाद ऐसी लव स्टोरी का दौर फिर से लौट आया था।
फिल्म-अल्लारी प्रियुडु
इस फ़िल्म की सफलता के बाद वर्ष 1993 में यही कहानी तेलुगू भाषा में बनी फिल्म अल्लारी प्रियुडु में भी दिखायी गयी। बस फर्क इतना था की इसके प्रेम त्रिकोण में दो लड़के और एक लड़की के बजाय दो लड़की और एक लड़के की कहानी दिखायी गयी थी। मज़े की बात कि यह फ़िल्म भी ब्लॉकबस्टर साबित हुई जिसे बाद तमिल और कन्नड़ भाषाओं में डब भी किया गया।
वर्ष 2012 से फ़िल्म के डायरेक्टर लॉरेंस डिसूजा ने फिल्म साजन की रीमेक बनाने की योजना बना चुके हैं लेकिन हर बार कुछ न कुछ रुकावट आने से अब तक उन्हें सफलता नहीं मिल सकी है।
वर्ष 2019 में उन्होंने एक बार फिर इसका रीमेक बनाने की घोषणा की थी जिसके लिये उन्होंने शाहिद कपूर, जॉन अब्राहम और कंगना रनौत को लेने की बात भी कही थी साथ ही संगीतकार नदीम श्रवण से उन्होंने बात भी कर ली थी। बहरहाल फिल्म जब भी बनै दर्शकों के लिये इस फिल्म का रीमेक देखना ज़रूर दिलचस्प होगा।
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