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Sri Lanka Cricketer Dasun Shanaka Biography

पिछले 5– 6 साल (Year) वो दौर था, जहां श्रीलंका (Sri Lanka) क्रिकेट का सबसे बड़ा नाइटमैयर (Night Mare), बेहद ही खराब समय (Time) चल रहा था, जब ट्रांजिशन (Transition) के नाम पर ये टीम (Team) किसी समय खत्म होने की कगार पर आ चुकी थी। और तो और,कभी टी 20 और ओडीआई (ODI) वर्ल्ड कप की चैंपियन (Champion) रही श्रीलंका टीम (Team) को लगातार 3 वर्ल्ड (World) कप (Cup) के लिए क्वालिफाईर (Qualify)  तक खेलने पड़े थे। लेकिन फिर वहां से उठ खड़े होकर एक घातक (Fatal) और कंपेटिटीव (Competitive) टीम बनना, बेहद ही ख़राब और विपरीत (Adverse) परिस्थितियों में सबको चौंकाते हुए एशिया (Asia) कप (Cup) जीतने का जो सफ़र था, वो किसी मिरैकल (Miracle) से कम नहीं था। और 2023 में लगातार दूसरी बार भी एशिया (Asia) कप (CUP) फाइनल (Final) में पहुंचना, आखिर तक लड़कर, बिना हार माने इस कमबैक (Come Back), हार्डवर्क (Had work) और नेवर गिव अप एटीट्यूड (attitude) के लिए श्रीलंका (Sri Lanka) की दिल से तारीफ़ की जानी चाहिए। लेकिन उससे भी ज़्यादा उस जादूगर की तारीफ़ होनी चाहिए जिसने ये जादू (Magic) करके दिखाया। अब आपने अक्सर देखा होगा, किसी एंटीक पेंटिंग को (Painting), जो बेहद ही खूबसूरत होती है, सबको अपनी तरफ़ आकर्षित (Attract) करती है,लेकिन उसे सुंदर (Beautiful) बनाता कौन है, पेंटर बाबू।एक अच्छी सेना का निर्माण करते हैं उसके सेनापति। ठीक वैसे ही इस अजय श्रीलंकन टीम का निर्माण किया इसके सबसे कुल, काल्म मगर बेबाक कैप्टन (Captain)  दसून शनाका ने, जिसने एक जादूगर की तरह अपना जादू बिखेर बेहद ही ख़राब , मिनो हो चुकी श्रीलंकन टीम को अचानक से एक बड़ी टीम (Team) बनाकर खड़ा कर दिया।एक से एक मैच (Match) विनर (Winner) भर दिए, जो कि अब किसी से नहीं डरते, अकेले ही मैच (Match) निकाल लाते हैं। रानातूंगा ने तो वर्ल्ड (World Cup) कप जीता था,लेकिन इस कप्तान (Captain) ने एक हारा हुआ दौर जीता है। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि आखिर इस करिश्माई कप्तानी (Captaincy) का सफ़र कैसे शुरू हुआ। आखिर कैसे एक ऐवरेज (Average) सा खिलाड़ी श्रीलंका क्रिकेट इतिहास (History) का सबसे यादगार और शानदार कप्तान (Captain) बन गया, ये अपने आप में ही एक बड़ी दिलचस्प (Interesting) कहानी है। और आखिर क्यों (Why)  उन्हें कोई अपनी टीम (Team) में नहीं लेना चाहता था,ये भी एक बेहद हैरानी की बात है। ये गाथा है उस महान (Great) सफर की,जो कि एक तुक्के (Pieces) से शुरू हुई।आज की पोस्ट में हम बात करेंगे इस लाज़वाब खिलाड़ी Player के जीवन (Life) और उनके करियर (Career) के बारे में। साथ ही जानेंगे कि एक मजबूरी कैसे आपकी सबसे बड़ी अचीवमेंट (Achievement) बन सकती है दोस्तों।

मेडागामागमेज दासुन शनाका का जन्म 9 सितंबर (September) 1991 को श्रीलंका के नेगोंबो में हुआ था। शनाका ने अपनी स्कूली (School) पढ़ाई कोलंबो (Colombo) के एक कैथोलिक स्कूल (School) सैंट (Saint) पीटर्स (Piters) कॉलेज (College) से पूरी की। वहां आगे की तालिम उन्होंने नेगोंबों के मैरिस स्टैला कॉलेज से पूरी की।
शनाका (Shakana) शुरू (Start) से ही एक फिटनेस (Fitness) ऐंथूजियास्ट (Enthusiast) रहे हैं जिन्हें क्रिकेट (Cricket) का भी काफ़ी शौंक था। उन्हें एक ऑल (All) राउंडर (Rounder)  बनने का हमेशा से ही चस्का रहा जिनके फेवरेट (Favourite) बल्लेबाज (Batsman) ए बी डिविलियर्स (De Villiers), हाशिम अमला और क्रिस गेल थे। वहीं वसीम अकरम और डेल स्टेन की गेंदबाज़ी के वे जबरन फैन ब्वॉय (Boy) रहे हैं। उन्होंने एज ग्रुप (Group) लेवल से ही अपनी पावर हिटर (Hitter) की इमेज (Image) बनाई जो कि निचले क्रम में आकर ताबड़तोड़ अंदाज़ में छक्के (Sixes) तो लगाता ही था , साथ ही गेंद (Ball) से भी ज़रूरी ब्रेक्थरू निकाल लिया करता। और तो और, अपनी इंप्रेसिव (Impressive)  फिल्डिंग (Feilding) से वे सबके फैवरेट तो बन ही गए थे।2011 में वे प्रोफेशनल (Professional) क्रिकेट में निखरने के लिए सिंहाली क्रिकेट (Cricket) क्लब (Club) के साथ जुड़े। और वर्षों अपनी हिटिंग (Hitting) एबिलिटी (ability) का लोहा मनवा चुके शनाका की रेपुटेशन (Reputation) एक सिक्स हिटिंग (Hitting) मशीन की बन गई थी।
2015 में श्रीलंकन क्रिकेट अपने डाउनफॉल (Downfall) की ओर बढ़ चुका था जहां संगकारा और जयवर्धने (Jayvardhan) जैसे दिग्गजों (Giants) के रिटायर होने के बाद इन्हें दरकार थी कुछ होनहार खिलाड़ियों (Players) की, जो कि काबिल हों, टीम के लिए एसेट (Aset) हों। ऐसे में कई खिलाड़ी (Players) टीम से अंदर बाहर चल रहे थे, वहीं कुछ युवाओं (Youth) पर भी सबकी नजरें थी। ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ़ अगस्त (August) में इस हरफनमौला (All Rounder) खिलाड़ी का टी 20 डेब्यू (Debut) हुआ। जहां वे महज़ 7 रन (Run) ही बना पाए। इसके बाद 2016 में उन्होंने इंग्लैंड टूर (Tour) पर खेले फर्स्ट (Frist) क्लास मैच (Match) में एक लाज़वाब शतक (Century) जड़ अपने बल्ले (Bowls) से भी जोहर दिखाए। उसी दौरे पर उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ़ अपना टैस्ट (Test) डेब्यू किया। जहां एलेस्टेयर कुक उनका पहला शिकार बने। जो रूट को भी उन्होंने चलता किया। लेकिन अपनी पहली ही गेंद (Ball) पर आउट (Out) हो गए। श्रीलंका ये मैच (Match) शर्मनाक एक इनिंग (inning) से हार गई। गेंद से तो शनाका कमाल दिखा ही रहे थे, उनका स्किलसेट (skillset) शानदार था,जिसकी झलकियां (glimpses) उन्होंने भारत के खिलाफ़ एक टी 20 मैच में दिखाई, जब एक ही मैच में सुरेश (Suresh) रैना, धौनी और हार्दिक के बड़े विकेट अपने नाम किए। और तभी से ये खिलाड़ी सुर्खियों में आ चुका था, जिसे श्रीलंकन क्रिकेट की नेक्स्ट बिग थिंग कहा जा रहा था।

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जिसे बिल्कुल ठीक प्रूव (Proof)  किया इन्होंने अपने ओडीआई (ODI) डेब्यू पर। जहां महज़ 19 गेंदों (Balls) पर 42 रन जड़ उनकी आंधी में तो आयरलैंड (Ireland) उड़ा ही साथ ही अपने डेब्यू पर ही फाइफर लेकर शनाका सुपरस्टार बन चुके थे।
यहां से उनसे उम्मीदें (Hope) काफ़ी बढ़ चुकी थी। लेकिन कुछ समय तक बल्ले से (Bat) वे उतना परफोर्मेंस (Performance) नहीं दे रहे थे। जो सफलता (Success) उन्हें टी 20 में मिली, वैसा कुछ अभी तक वे ओडीआई (ODI) और टैस्ट में नहीं कर पा रहे थे। यही कारण (Reason) है कि कई फेलियर (failure) के बाद उन्हें ड्रॉप (Drop) कर दिया गया। उन्हें गिने चुने ही मौके मिलते, जिनमें वे खास परफॉर्म (perform) नहीं कर पा रहे थे। उन दिनों ऐसा लगने लगा था कि ये खिलाड़ी अपने टैलेंट (Talent) के साथ न्याय नहीं कर रहा, ये टैलेंट कहीं वेस्ट (West) न हो जाए।
लेकिन 2018 का वो साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ मुकाबला (Competition), उनके लिए कमबैक (Come Back) मैच साबित हुआ जहां उन्होंने 4 चौकों  (Fours) और 5 गगनचुम्बी छक्कों (Sixes) के दम पर महज़ 34 गेंदों (Balls) में 65 रन जड़ मैच का रुख पलट दिया था। वहीं जेपी डुमिनी को रन (Run) आउट भी किया, साथ ही रीजा हेंड्रिक्स को आउट (Out) भी किया। जिसके बाद लगातार 11 हार (Defeat) के बाद श्रीलंका (Sri Lanka) को जीत (Victory) नसीब हुई। शनाका की इस पारी ने ये दर्शा दिया था कि ये बंदा एक स्पैशल (Special) टैलेंट (Talent)  है जो कि श्रीलंका क्रिकेट के लिए कुछ अलग ही कारनामे करने वाला है।
अभी तक शनाका टीम में सिर्फ़ एक हरफनमौला खिलाड़ी के रूप में जानें जाते थे। जिनकी कप्तानी (Captaincy) का किसी को कोई अता पता नहीं था, साथ ही उन्हें अभी तक कभी टीम (Team) को लीड (Lead) करने का मौका नहीं मिला था। और क्योंकि टीम की हालत बेहद खराब हो रही थी, तो यहां एक्सपेरिमेंट (Experiment) करते हुए उन्हें पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ़ टी 20 सीरीज (series) में कप्तानी सौंपी गई। जहां अपने पहले ही मैच में श्रीलंका 6 साल बाद पाकिस्तान (Pakistan) से टी 20 जीता वो भी उसी के घर में। और देखते ही देखते श्रीलंका तीनों मैच (Match) जीत गई।ये पहला मौका था जब श्रीलंका ने टी 20 में वाइट (White) वाश (Wash) जीत हासिल की हो, साथ ही पाकिस्तान की भी ये पहली वाइट वाश शिकस्त थी।
अब कहते हैं न भूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, और शनाका की लीडरशिप (Leaderships) एबिलिटी का एक सैंपल साइज़ दुनिया के सामने आ चुका था।
लेकिन उनके ही बोर्ड (Bord) को उनकी ये काबिलीयत समझते समझते काफ़ी वक्त लग गया,और परिणाम (Result) स्वरूप श्रीलंका क्रिकेट का और डिक्लाइन (Decline) हो गया। वाइट बॉल हो या रेड (Red )बॉल, हालत गंभीर हो चुके थे। चारों तरफ से सिर्फ़ हार मिल रही थी। कोई उम्मीद (Hope) नहीं बची थी।

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और थक हारकर 20 कप्तानों की अदला बदली करने के बाद 2021 में टीम की टी 20 कप्तानी (Captaincy) दासून शनाका को सौंपी गई। 2 महीने बाद ही उन्हें ओडीआई (Odi) का भी कप्तान (Captain) बना दिया गया। कोई और प्लेयर होता तो इतने खराब हालात से गुज़र रही टीम का साथ छोड़ देता, जैसे बाकी कई सिनियर (Senior) प्लेयर्स कर चुके थे। लेकिन शनाका ने बड़ी ही हिम्मत के साथ इस टीम का हाथ थामा, और जुलाई (July) में जब भारतीय (Indian) टीम श्रीलंका आया,तो उन्ही की कप्तानी (Captaincy) में श्रीलंका ने हमें 2–1 से टी 20 सीरीज में शिकस्त दी।
कुछ समय पहले जो श्रीलंका बेहद ही डाउन (Down), हारी हुई नज़र आ रही थी, अचानक से उसमें 11 मैच विनर (Winner) पैदा हो गए। शनाका की कैप्टेंसी (Captaincy) में वानिंदु हसरंगा, चमिका करुणारत्ने, असलंका, निसंका, अविष्का फर्नांडो राजपक्षे,जैसे कई और टैलेंटेड (Talented) युवा खिलाड़ी उभरकर आए ,अब पेस अटैक (Attack) संभालने के लिए चमीरा, रजिता, लाहिरू कुमारा थे ही,पर ज़रूरत थी एक ऐसे वर्ल्ड क्लास स्पिनर (Spinner) की जो कि हसरांगा के कंधे से कंधा मिलाकर बल्लेबाजों (Batsman) को चैलेंज (Challenge) कर सके। तब इंट्री (Entry)  हुई एक 21 साल के युवा महीश थीक्षणा की। इस यंग टैलेंट्स (Talents) को जोड़कर शानाका ने एक गजब की टीम (Team) बनाई।

कप्तानी (Captaincy) में उन्होंने एक टीम तो बना दी,लेकिन इसे मोटिवेट (Moivate) करने के लिए आगे से परफॉर्म (Perform) करने की ज़रूरत थी, जो शनाका ने 2022 में भारत के खिलाफ़ टी 20 सीरीज (Series) में करके दिखाया। जब दूसरे टी 20 में उन्होंने श्रीलंका (Sri Lanka) के लिए ज़बरदस्त फिनिश (Finish) करते हुए सिर्फ़ 19 बाल में 47 रन ठोक दिए थे। वहीं अगले मैच (Match) में और भी बत्तर हालात थे। जहां 10 ओवर में स्कोर (Score) 40/4 था, वहां शनाका ने महज़ 38 गेंदों पर 74 रन ठोक टीम को 146 तक पहुंचा दिया था।
ये बात तो किसी से छुपी नहीं है कि 2022 में आर्थिक (Economic) और राजनैतिक (Politic) तंगियो ने श्रीलंका को हिलाकर रख दिया।ऐसा पहली बार हुआ था जब कोई देश फॉरेन (Foreign) डेट का इंटरेस्ट तक भी पे नहीं कर पाया। जो दिवालियापन (Bankruptcy) इस देश (Country) का निकला, उसे देख क्रिकेट का भी जनाजा निकलता दिख रहा था। कोई और टीम (Team) होती,तो उसका कप्तान (Captain) हिम्मत हार जाता। लेकिन शनाका ने डटकर सामना किया। मतलब बाहर दंगे चल रहे हैं।और इधर ये जनाब ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ़ आखिरी 17 बॉल्स में 59 रन चेस (Chess) कर रहें हैं, हारा हुआ मैच (Match) जीता रहे हैं वो भी सिंगल (Singal) हैंडेडली। मतलब बड़ी बड़ी टीमें यहां हार मान लेती हैं,लेकिन इन्होंने एक के बाद एक चौकों (Fours) छक्कों की बारिश कर दी थी। और कुल 5 चौके और 5 छक्के जड़ महज़ 25 गेंदों पर 54 रन जड़ दिए।
इसके बाद आस्ट्रेलिया जैसी सुपर (Super) पावर से ओडीआई (Odi) सिरीज जीतने का अद्भुत कारनामा जो इन्होंने कर दिखाया, सोचकर तो आज भी दिल खुश (Happy) कर देता है।
और जब उनके घर से एशिया (Asia) कप दुबई में शिफ्ट हुआ, जिसे पाकिस्तान अपना दूसरा घर बता रहा था,और भारत फेवरेट (Favourite) माना जा रहा था। वहां ये खिलाड़ी (Player) सबकी नाक के नीचे से श्रीलंका को वर्ल्ड (World) कप जीता देता है। है न एक दम शॉकिंग (Shocking) । मतलब (Means) कोई प्रैशर (Pressure) कोई दबाव कुछ नहीं।

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2021 और 22 के वर्ल्ड (World) में तो इनकी टीम ने क्वालिफाई (Qualify) किया ही, साथ ही 2023 में भी कमाल कर दिखाया।
लेकिन जब सवाल (QUESTION) उठ रहे थे उनके फॉर्म (Form) और फिनिशिंग (Finishing) पर,तो ये जनाब भारत के खिलाफ़ इसी वर्ष जनवरी (January) में हुए एक ओडीआई (ODI) में क्रीज़ (Crez) पर ऐसे डट जाते हैं , आखिरी तक आउट (Out) ही नहीं होते।88 गेंदों में लगाए उनके ताबड़तोड 108 रन भले ही श्रीलंका को मैच (Match) न जीता पाए, लेकिन आखिरी (Last) तक डटे रहने,और गिव (Give) अप न करने की उनकी मैंटल (Matel) टफनेस (Toughness) का पुख्ता सबूत था, जो खुद भी परफार्म (Perform) करेगा और टीम का भी बेस्ट (Best) निकलवाएगा। यही नहीं टी 20 सीरीज (Series) के भी तीनों मैच में उन्होंने गज़ब की हिटिंग (Hitting) की। इसीलिए तो कहते हैं, कि जितनी दुर्गम होगी यात्रा, उतना ही निखरेगा व्यक्तित्व।
और आज शनाका के हार्डवर्क (Hard Work) और अपने खिलाड़ियों (Players) को दी गई गज़ब की बैकिंग ने एक मिन्नो श्रीलंका को एक घातक टीम बनाकर विश्व (World) क्रिकेट में कई चैलेंज (Challenge) पेश कर दिए जिसने अपने पिछले 14 मुकाबलों में सामने वाली टीम को ऑल (All) आउट किया, साथ ही 13 मैच लगातार जीत (Win) सबको अपनी वाहवाही करने पर मजबूर कर दिया। भले ही पिछे वे भारत से हारे (Defeat) हों,लेकिन लड़कर हारे थे, घुटने टेक कर नहीं। ये लैगेसी है शनाका की।इस टीम को कुछ कर गुजरने का बिलीफ दिया 7 नम्बर (November) की जर्सी (Jersey) वाले एक स्पैशल (Special)  खिलाड़ी और कप्तान (Captain)  दासुन शनाका ने, जिन्होंने उस वक्त इस टीम का हाथ थामा, जब सबने हाथ खड़े कर दिए थे।

शनाका (Shakana) ने अभी तक अपने करियर (Career) में कुल 6 टेस्ट (test),63 ओडीआई (Odi) और 88 टी 20 खेले जहां 2,500+ रन (Run) बनाए हैं, साथ ही 62 विकेट (Wicket) लिए हैं। हालांकि वे एक बेहद ही सेल्फ्लेस (Selfless) खिलाड़ी (Player) हैं जो कि टीम को खुद के उपर रखते हैं। और उस समय परफॉर्म (Perform) करते हैं जब उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। वैसे तो ये खिलाड़ी 24 कैरट खरा सोना है,लेकिन 2017 में इन्हें कंट्रोवर्सी (Controversy) का भी सामना करना पड़ा था जब भारत (India) के खिलाफ़ टैस्ट में उन्हें साफ़ साफ़ कैमरा (Camera) पर बॉल को कंडीशन (Condition) बदलते देखा गया। जिसके बाद उनकी 75% मैच (Match) फीस (Fees) तो कटी ही, साथ ही 3 डिमरिट पॉइंट (Point) भी मिले।लेकिन अपनी कप्तानी में जो जज़्बा उन्होंने टीम में प्रफुल्लित किया है, वो काबिले तारीफ़ है। कि आप हमें हरा सकते हैं मगर तोड़ नहीं सकते।तो ये थी कहानी श्रीलंका के एक लाजवाब बेमिसाल कप्तान (Captain) की।
जिसने श्रीलंका के अच्छे दिन वापिस ला दिए।और उनकी इस लाज़वाब कप्तानी की ही बदौलत श्रीलंका ने लगातार दूसरी बार एशिया (Asia) कप के फाइनल (Final) में जगह बनाई।

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